Friday, February 21, 2020
Wednesday, January 15, 2020
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं...!!
Tuesday, October 29, 2019
Saturday, August 24, 2019
Wednesday, May 8, 2019
मैंने छोड़ दिया है अब कविता लिखना - Onkar ओंकार
मैंने छोड़ दिया है अब
कविता लिखना.
कविता लिखने का सामान -
काग़ज़, कलम,दवात -
दूर कर दिया है मैंने,
यहाँ तक कि कुर्सी-मेज़ भी
हटा दी है अपने कमरे से.
मन में भावनाओं का
ज्वार उमड़ रहा हो,
शब्द अपने-आप
लयबद्ध होकर आ रहे हों,
तो भी नहीं लिखता मैं
कोई कविता.
मैंने तय कर लिया है
कि मैं तब तक नहीं लिखूंगा
कोई नई कविता,
जब तक कि उसमें लौट न आए
कोई आम आदमी...!
लेखक परिचय - ओंकार जी Onkar
कविता लिखना.
कविता लिखने का सामान -
काग़ज़, कलम,दवात -
दूर कर दिया है मैंने,
यहाँ तक कि कुर्सी-मेज़ भी
हटा दी है अपने कमरे से.
मन में भावनाओं का
ज्वार उमड़ रहा हो,
शब्द अपने-आप
लयबद्ध होकर आ रहे हों,
तो भी नहीं लिखता मैं
कोई कविता.
मैंने तय कर लिया है
कि मैं तब तक नहीं लिखूंगा
कोई नई कविता,
जब तक कि उसमें लौट न आए
कोई आम आदमी...!
लेखक परिचय - ओंकार जी Onkar
Subscribe to:
Posts (Atom)
Popular Posts
-
हिन्दी में आंचलिक औपन्यासिक परंपरा की सर्वश्रेष्ठ कृति “मैला आंचल” मनोज कुमार 1954 में प्रकाशित फणिश्वरनाथ ‘रेणु’ का “मैला आंचल” हिन्दी साह...
-
दोस्तों, अभी पिछले दिनों वामपंथ (विचलन) पर "हँस" के फ़रवरी, १९८९ अंक में प्रकाशित और "पाखी" के अगस्त २०१० अंक में पुनर...
-
कि सी भी इन्सान को जानने का सबसे आसान तरीका है उसकी कही, उसकी लिखी बातों को जानना, पढना और समझना। विशेष रूप से जब हम किसी ऐसे महापुरूष के बा...
-
अन्धेर नगरी पुस्तकें पढना मेरी हॉबी है। इसलिए जब ‘पुस्तकायन’ ब्लॉग पर नज़र पड़ी तो झट से इसका सदस्य बन गया। कई बार ऐसा होता है कि आप जब कोई ...
-
रचनाकार: महादेवी वर्मा प्रकाशक: लोकभारती प्रकाशन वर्ष: मार्च ०४ , २००४ भाषा: हिन्दी विषय: क...
-
नयी कविता के साथ एक समस्या है- इसे लिखने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है और पढ़नेवाले कम से कमतर होते जा रहे हैं। ऐसे में एक युवा कवि एकदम अ...
-
वसंत पंचमी के अवसर पर महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" जी की एक प्रसिद्ध रचना ! -- संजय भास्कर
-
आप सभी को पुस्तकायन ब्लॉग की ओर से . ......... रंगों के पर्व होली की बहुत बहुत शुभकामनायें .. रंगों का ये उत्सव आप के जीवन में अपार खुश...
-
हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें आइये आज प्रण करें के हम हिंदी को उसका सम्मान वापस दिलाएंगे ! ***************************...
-
यूँ तो यह समीक्षा शीघ्र ही किसी पत्रिका में आने वाली है। किस पत्रिका में यह मुझसे ना पूछें, क्योंकि जिसने यह समीक्षा लिखी उस पर इतना अधिकार...