Tuesday, October 29, 2019
Saturday, August 24, 2019
Wednesday, May 8, 2019
मैंने छोड़ दिया है अब कविता लिखना - Onkar ओंकार
मैंने छोड़ दिया है अब
कविता लिखना.
कविता लिखने का सामान -
काग़ज़, कलम,दवात -
दूर कर दिया है मैंने,
यहाँ तक कि कुर्सी-मेज़ भी
हटा दी है अपने कमरे से.
मन में भावनाओं का
ज्वार उमड़ रहा हो,
शब्द अपने-आप
लयबद्ध होकर आ रहे हों,
तो भी नहीं लिखता मैं
कोई कविता.
मैंने तय कर लिया है
कि मैं तब तक नहीं लिखूंगा
कोई नई कविता,
जब तक कि उसमें लौट न आए
कोई आम आदमी...!
लेखक परिचय - ओंकार जी Onkar
कविता लिखना.
कविता लिखने का सामान -
काग़ज़, कलम,दवात -
दूर कर दिया है मैंने,
यहाँ तक कि कुर्सी-मेज़ भी
हटा दी है अपने कमरे से.
मन में भावनाओं का
ज्वार उमड़ रहा हो,
शब्द अपने-आप
लयबद्ध होकर आ रहे हों,
तो भी नहीं लिखता मैं
कोई कविता.
मैंने तय कर लिया है
कि मैं तब तक नहीं लिखूंगा
कोई नई कविता,
जब तक कि उसमें लौट न आए
कोई आम आदमी...!
लेखक परिचय - ओंकार जी Onkar
Tuesday, March 26, 2019
राक्षस देखना हो अपने अन्दर का - Onkar ओंकार :)
कभी अपने अन्दर का
राक्षस देखना हो,
तो उग्र भीड़ में
शामिल हो जाना.
जब भीड़ से निकलो,
तो सोचना
कि जिसने पत्थर फेंके थे,
आगजनी की थी,
तोड़-फोड़ की थी,
बेगुनाहों पर जुल्म किया था,
जिसमें न प्यार था, न ममता,
न इंसानियत थी, न करुणा,
जो बिना वज़ह
पागलों-सी हरकतें कर रहा था,
वह कौन था?
उसे जान लो,
अच्छी तरह पहचान लो,
देखो, तुम्हें पता ही नहीं था
कि वह तुम्हारे अन्दर ही
कहीं छिपा बैठा है...!!
लेखक परिचय - ओंकार जी Onkar
राक्षस देखना हो,
तो उग्र भीड़ में
शामिल हो जाना.
जब भीड़ से निकलो,
तो सोचना
कि जिसने पत्थर फेंके थे,
आगजनी की थी,
तोड़-फोड़ की थी,
बेगुनाहों पर जुल्म किया था,
जिसमें न प्यार था, न ममता,
न इंसानियत थी, न करुणा,
जो बिना वज़ह
पागलों-सी हरकतें कर रहा था,
वह कौन था?
उसे जान लो,
अच्छी तरह पहचान लो,
देखो, तुम्हें पता ही नहीं था
कि वह तुम्हारे अन्दर ही
कहीं छिपा बैठा है...!!
लेखक परिचय - ओंकार जी Onkar
Friday, March 15, 2019
प्यारी बिटिया - रीना मौर्या
बाबुल की सोन चिरैया
अब बिदा हो चली
महकाएगी किसी और का आँगन
वो नाजुक सी कली
माँ की दुलारी
बिटिया वो प्यारी
आँसू लिए आँखों में
यादें लिए मन में
पिया घर चली
ओ भैय्या की बहना
ख्याल अपना रखना
मुरझा ना कभी जाना तू
ओ प्यारी सी कली
ले जा दुआएँ
और ढ़ेर सारा प्यार
बिटिया तेरे जीवन में आए
खुशियों की फुहार
पिया घर सजाना
तू पत्नी धर्म निभाना
खुश रहना तू मेरी बिटिया
ना होना कभी उदास ...!!
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