Tuesday, January 1, 2013
नव वर्ष मंगलमय हो -- संजय भास्कर
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हिन्दी में आंचलिक औपन्यासिक परंपरा की सर्वश्रेष्ठ कृति “मैला आंचल” मनोज कुमार 1954 में प्रकाशित फणिश्वरनाथ ‘रेणु’ का “मैला आंचल” हिन्दी साह...
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दोस्तों, अभी पिछले दिनों वामपंथ (विचलन) पर "हँस" के फ़रवरी, १९८९ अंक में प्रकाशित और "पाखी" के अगस्त २०१० अंक में पुनर...
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अन्धेर नगरी पुस्तकें पढना मेरी हॉबी है। इसलिए जब ‘पुस्तकायन’ ब्लॉग पर नज़र पड़ी तो झट से इसका सदस्य बन गया। कई बार ऐसा होता है कि आप जब कोई ...
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रचनाकार: महादेवी वर्मा प्रकाशक: लोकभारती प्रकाशन वर्ष: मार्च ०४ , २००४ भाषा: हिन्दी विषय: क...
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नयी कविता के साथ एक समस्या है- इसे लिखने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है और पढ़नेवाले कम से कमतर होते जा रहे हैं। ऐसे में एक युवा कवि एकदम अ...
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वसंत पंचमी के अवसर पर महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" जी की एक प्रसिद्ध रचना ! -- संजय भास्कर
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