अरविन्द गुप्ता नाम है एक ऐसे व्यक्ति का जिनका जीवन बच्चों और बस बच्चों के लिए समर्पित है। मैं उन्हें 1980 के आसपास से जानता हूं। बहुत साल तक वे दिल्ली में थे। पर पिछले लगभग पंद्रह या उससे भी अधिक साल से वे IUCAA, Pune University, Pune में बच्चों के एक केन्द्र के कर्ता-धर्ता हैं।
बच्चों के लिए सस्ते और विज्ञान की समझ को पुख्ता करने वाले खिलौने बनाने का उन्हें जुनून रहा है। इन खिलौनों को बनाने की कई किताबें उन्होंने लिखी हैं। इन खिलौनों को बनाने और काम करने की तरकीबें उनकी साइट पर मौजूद हैं। कुछ उपयोगी फिल्में भी हैं।
इसके साथ ही बच्चों के लिए विभिन्न्ा भाषाओं में प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों को सबके सामने लाने का उनका एक अभियान रहा है। बहुत सारी किताबें उन्होंने स्वयं भी संपादित की हैं। हिन्दी में बच्चों के लिए और शिक्षा और विकास से जुड़े मुद्दों पर लगभग चार सौ किताबें पीडीएफ के रूप में उनकी साइट पर मौजूद हैं।इसके अतिरिक्त मराठी और अंग्रेजी की किताबें भी हैं। उनका और अधिक विस्तृत परिचय यहां देखा जा सकता है।
मेरी सलाह है कि आप अगर बच्चों के लिए अच्छे साहित्य की खोज में रहते हैं,शिक्षा तथा विकास के मुद्दों पर कुछ सार्थक पढ़ना चाहते हैं। तो एक बार अरविन्द गुप्ता का किताबों का खजाना पर जरूर जाएं ।
(हो सकता है कि आपके कम्प्यूटर में जब यह साइट खुले तो उसमें केवल अंग्रेजी की सूची दिखाई दे। अगर ऐसा होता है तो आप पहले अपने कम्प्यूटर में क्रोमा गूगल का ब्राउजर खोलें।)
0 राजेश उत्साही
बच्चों के लिए सस्ते और विज्ञान की समझ को पुख्ता करने वाले खिलौने बनाने का उन्हें जुनून रहा है। इन खिलौनों को बनाने की कई किताबें उन्होंने लिखी हैं। इन खिलौनों को बनाने और काम करने की तरकीबें उनकी साइट पर मौजूद हैं। कुछ उपयोगी फिल्में भी हैं।
इसके साथ ही बच्चों के लिए विभिन्न्ा भाषाओं में प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों को सबके सामने लाने का उनका एक अभियान रहा है। बहुत सारी किताबें उन्होंने स्वयं भी संपादित की हैं। हिन्दी में बच्चों के लिए और शिक्षा और विकास से जुड़े मुद्दों पर लगभग चार सौ किताबें पीडीएफ के रूप में उनकी साइट पर मौजूद हैं।इसके अतिरिक्त मराठी और अंग्रेजी की किताबें भी हैं। उनका और अधिक विस्तृत परिचय यहां देखा जा सकता है।
मेरी सलाह है कि आप अगर बच्चों के लिए अच्छे साहित्य की खोज में रहते हैं,शिक्षा तथा विकास के मुद्दों पर कुछ सार्थक पढ़ना चाहते हैं। तो एक बार अरविन्द गुप्ता का किताबों का खजाना पर जरूर जाएं ।
(हो सकता है कि आपके कम्प्यूटर में जब यह साइट खुले तो उसमें केवल अंग्रेजी की सूची दिखाई दे। अगर ऐसा होता है तो आप पहले अपने कम्प्यूटर में क्रोमा गूगल का ब्राउजर खोलें।)
0 राजेश उत्साही
Badhiya Jankaree.
ReplyDeleteराजेश जी, बहुत बहुत आभार......
ReplyDeleteकई बार अरविन्द जी का कार्यकरम दूरदर्शन पर देखा है..... बहुत ही भली भाँती और सरल तरीके से बच्चों को समझते है.... इनकी सरल जुगत होती है.... घर में पड़े किसी भी बेकार सामान को इस्तेमाल करना सिखा देते हैं......
बहुत बहुत आभार इनके खजाने का पता बताने का.......
सुन्दर जानकारी के लिये आभार..
ReplyDeleteखिलौने देखकर आनन्द आ गया। कुछ बनाते हैं।
ReplyDeleteदिल्ली में इनके बारे में तो पहले भी सुना था। पर आपके लेख से बडी अच्छी व व्यापक मिली । धन्यवाद ।
ReplyDeleteराजश जी -बहुत अच्छा लगा श्री अरविन्द गुप्ता जी के विषय में पढ़कर -प्रेरणा मिली कैसे अभी भी बहुत लोग अच्छा कार्य करने में संलग्न हैं .....!शुभकामनाएं आप दोनों को .
ReplyDeleteसुन्दर जानकारी के लिये आभार.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया जानकारी
ReplyDeleteसुन्दर जानकारी
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
श्री अरविंद गुप्ता के विषय में जानकर अच्छा लगा। दी गई लिंक पर वाकई में पुस्तकों का खजाना है।
ReplyDeleteशुक्रिया।
Main bhi kuchh aisi hi site ki talash me the .yahan aane par mila jo bachchon ke vikash me madad kare .aapko hardik dhanyvad..
ReplyDeleteअरविन्द जी को टीवी पर देख कर मैंने भी बचपन में कई .......जानकारियाँ हासिल की हैं |
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